भारतीय शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन गिरावट का सिलसिला जारी है। मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग डेढ़ फीसदी की बिकवाली देखी गई। निफ्टी 23,100 के नीचे चला गया है, जबकि सेंसेक्स में 1000 अंकों की गिरावट आई है, जिससे यह 76,500 के स्तर से नीचे फिसल गया है। प्रमुख इंडेक्स की तुलना में व्यापक बाजार में बिकवाली का दबाव और भी अधिक है, और निफ्टी बैंक में भी सवा फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
आज निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में लगभग 1700 अंकों की भरी गिरावट आई है, जो इस साल अब तक करीब 11% कम हो चुका है। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप में भी लगभग 600 अंकों की गिरावट देखी जा रही है। बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स पिछले दो महीनों में लगभग 17% तक गिर चुका है।
निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में सबसे कमजोर शेयरों में SW Photo voltaic, Amber Enterprises, और Aegis Logistics शामिल हैं, जिनमें इंट्राडे में 11.5% तक की गिरावट देखी गई है। मिडकैप में BSE, BDL, Coverage Bazaar, Escorts Kubota और Lupin में सबसे ज्यादा गिरावट आई है।
10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
मंगलवार को अचानक आई इस भारी गिरावट के बाद, बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक घटकर 408.8 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। विश्लेषकों का मानना है की अमेरिका में टैरिफ को लेकर अनिश्चितता के चलते बाजार में यह गिरावट आई है।
एक्सपर्ट का मानना हे कि स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स के लिए ये मुश्किल समय अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। जब तक इन स्मॉलकैप और मिडकैप कंपनियों की कॉरपोरेट अर्निंग्स में सुधार नहीं होता, तब तक बाजारमे यह दबाव बना रह सकता है। इसके अलावा, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने चिंता को और बढ़ा दिया है। ऐसे में निवेशकों को मिडकैप, स्मॉलकैप और माइक्रोकैप स्टॉक्स से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
रुपये में सुधार के संकेत
मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में भी गिरावट देखी गई, लेकिन दिन के निचले स्तरों से इसमें तेजी से सुधार हुआ। सेक्टोरल स्तर पर फार्मा, PSU बैंक, ऑटो, मीडिया, हेल्थकेयर और ऑयल & गैस सेक्टर में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिल रही है।